हाल के दिनों में इस तरह के प्रश्न बहुत ही कॉमन हो गए है।हाई ब्लड प्रेशर में दूध पीना चाहिए या नहीं? यह सवाल बहुत साधारण है परंतु जवाब बहुत भिन्न-भिन्न। लोगों में इस सवाल के जवाब को लेकर काफी मतभेद है।
कैल्शियम पोटेशियम और मैग्नीशियम यह वह पोषक तत्व है जो हमारे शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में हमारे मदद करते हैं। पोषक तत्व हमारे दूध में पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, फिर दूध के लगातार सेवन से क्यों बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर। आईए आज के इस लेख में गहराई से समझते हैं।
Common Sense
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस संसार में मानव एक अकेला प्राणी है जो बड़ा होकर भी दूध पीता है| सारे जीव जंतु जब छोटे होते हैं तभी दूध पीते हैं| बड़े होने पर वह अपने स्वाभाविक आहार पर आ जाते हैं| परंतु मनुष्य नहीं अजीबो गरीब बात यह है कि सारे जानवरों के बच्चे अपनी मां का दूध पीते हैं, और मनुष्य दूसरे के जानवरों की दूध पीता है|
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि गाय का दूध हमारे लिए सर्वोत्तम आहार है परंतु इस दूध को पीने वाले गाय के बछड़े की वेट गेन पर नजर डालिए। गाय के बछड़े का वजन प्रत्येक माह 25 किलो से लेकर 40 किलो तक बढ़ता है परंतु हमारे बच्चे का वजन प्रतिदिन कितना बढ़ता है 30 ग्राम से 50 ग्राम।
उन अतिरिक्त पोषक तत्वों का क्या होता है जो हमारे शरीर में जाते हैं।
Side Effects Of Milk In Hindi
दूध का हमारे शरीर पर काफी बुरा प्रभाव रहा है| यदि आप लगातार दूध और दूध से बनी चीज होगा प्रयोग करते आ रहे हैं|तो आने वाले समय में हजारों बीमरियां आपका इंतजार कर रही हैं|
(हाई ब्लड प्रेशर में दूध पीना चाहिए या नहीं?)
बहुत सारे लोगों की यह दलील होती है कि हमारे पूर्वज तो दूध का काफी सेवन करते थे फिर वे बीमार क्यों नहीं पड़ते थे? इसके पीछे मूल कारण उनकी फिजिकल एक्टिविटी है|
वे शरीर से काफी मेहनत करते थे जिससे दूध में मौजूद अतिरिक्त न्यूट्रिशन का पाचन हो जाता था| जिससे उनके शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता था|
परंतु आज हमारे काम करने का तरीका बदल गया है| आज हम ऑफिस में काम करते हैं शरीर से कम से कम मेहनत करते हैं|
तो आईए जानते हैं दूध से हमें क्या-क्या नुकसान हो सकतेहैं .
Breastfeeding Benefits For Baby In Hindi
हड्डी का कमजोर होना (Weaker Bones)
जी हां दोस्तों सही पढ़ा आपने, जब हम दूध या दूध से बनी पदार्थ का सेवन करते हैं तो उसमें मौजूद प्रोटीन के पाचन के समय एसिड का निर्माण होता है| दूध में मौजूद कैल्शियम इस एसिड को न्यूट्रलाइज करने में जब काम पड़ जाता है तब इस अम्ल को न्यूट्रलाइज करता है हमारे शरीर में मौजूद कैल्शियम|
परिणाम स्वरुप हड्डियों में कैल्शियम की कमी होती जाती है और अंततः हड्डियां कमजोर हो जाती है|बहुत सारे अध्ययन हुए हैं जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन लोगों ने ज्यादातर दूध का सेवन किया है फ्रैक्चर रेट उन्हीं में सबसे ज्यादा है|
osteoporosis एक हड्डियों से जुड़ी बीमारी है यह अमेरिकी औरतों में ज्यादा पाया गया क्योंकि वे अत्यधिक दूध का सेवन करती हैं|
05 Best Oil For Hair Growth In Hindi | झड़ते बालों के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है ?
Prostate Cancer
जुलाई 2021 के एक अध्ययन के अनुसार, (Source) यदि आप लगातार और अत्यधिक दूध का सेवन कर रहे हैं तो इससे प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाताहै| दुनिया में पुरुषों में सबसे बड़ा कैंसर जो पाया जाता है वह है प्रोस्टेट कैंसर| यह अमेरिका में पाए जाने वाला सबसे कॉमन कैंसर है|
बहुत सारे अध्ययन से यह बात पता चला है कि अत्यधिक डेयरी प्रोडक्ट के सेवन से इसका खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है|हालांकि अभी हमारे पास टाइप्स आफ मिल्क (by fat content, skim, low fat, and whole) को लेकर कोई विशेष अध्ययन नहीं है|
10 Best Fruits For Hair Growth In Hindi | Best Fruits For Hair
Cholestrol
यदि आप किसी भी प्लांट पर आधारित भोजन का सेवन करते हैं तो उसमें कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता है।
जबकि आप यदि दूध और दूध से बनी पदार्थ का सेवन करते हैं तो एक सिंगल सर्विंग में 24 मिलीग्राम दिल को नुकसान पहुंचाने वाला कोलेस्ट्रॉल होता है।
इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।
यदि आप दूध के काफी आदि हैं तो आप कम फैट वाली स्कीम मिल्क ले सकते हैं।
Ovarian Cancer
एक Swedish अध्ययन के अनुसार, जो औरत चार कप या उससे ज्यादा दूध का सेवन प्रत्येक दिन करती हैं उनमें ओवेरियन कैंसर होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। हालांकि एनसीबीआई का एक रिपोर्ट यह बताता है कि मिल्क प्रोडक्ट और ओवेरियन कैंसर के बारे में कोई लिंक नहीं है।
खैर यह तो अध्ययन का विषय है। आज का अध्ययन कल बदल जाता है। यदि ऐसी कोई संभावनाएं हैं, तो हमें इसके सेवन कम से काम करना चाहिए या इसके सेवन से बचना चाहिए।
Milk Allergy
बहुत सारे लोगों में मिल्क एलर्जी देखने को मिलता है। जब हमारा इम्यून सिस्टम दूध और दूध से बने पदार्थों के प्रति रिएक्शन करता है तो हमें अपच होना ,उल्टी होना पेट में दर्द होना, त्वचा पर फोड़े फुंसी निकलना इत्यादि से संबंधित समस्याएं झेलना पड़ता है।
इसे मिल्क एलर्जी कहते हैं।
Lactose Intolerance
बहुत सारे लोगों को लेक्टोज इनटोलरेंस से संबंधित समस्या होती है। वे दूध में मौजूद लैक्टोज को पहचान नहीं पाते हैं। इस वजह से पेट में दर्द, मरोड़, गैस बनना, पेट फूलना और डायरिया की शिकायत आती है।
यदि आप तत्काल प्रभाव से दूध और दूध से बनी पदार्थ का सेवन बंद नहीं करते हैं तो इसके परिणाम बाद से बदतर होते जाते हैं। आपकी पाचन शक्ति खराब हो जाती है और न्यूट्रीशनल डिफिशिएंसी भी होने लगती है।
मैंने तो दूध से होने वाले बस कुछ नुकसानों की चर्चा किया है।
आप जरा सोचिए कि जब इतने सारे नुकसान है तो क्यों ही इसका सेवन करना। क्या आप इसका सेवन नहीं करेंगे तो जान चली जाएगी।
नहीं जाएगी ना तो बंद कीजिए सेवन। बच्चों की तरह क्यों रोते रहते हैं दूध के लिए। आप बड़े हो चले हैं बुजुर्ग हो जाएंगे और दूध के लिए रोएंगे।
जीवन में दूध के अलावे भी खाने के लिए बहुत कुछ है। आप उनका स्वाद चखे, सेवन करें और आनंद लें।
हाई ब्लड प्रेशर में दूध पीना चाहिए या नहीं?
इस प्रश्न का आपको मिला जुला उत्तर मिलता है। कुछ लोग आपको हाई ब्लड प्रेशर में गर्म दूध से परहेज करने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि आप ठंडा दूध का सेवन कर सकते हैं।
परंतु मेरे विचार से मैं दूध के सख्त खिलाफ हूं। इसके पीछे कई कारण है कुछ की चर्चा तो मैंने पहले ही कर चुका हूं।
यदि आप स्वस्थ हैं तो आप जब तक बीमार ना पड़ जाए अब दूध का सेवन कर सकते हैं।
लेकिन जो लोग पहले ही किसी बीमारी से ग्रसित हो गए हैं, उन्हें कम से कम इस श्वेत पदार्थ का त्याग कर देना चाहिए।
पता नहीं किस आधार पर आयुर्वेद भी दूध के सेवन को बढ़ावा देता है।
आज हम लोग देखते हैं मवेशियों को तरह-तरह के इंजेक्शन दिए जाते हैं। शहरों में उन्हें कचरा खाने के लिए छोड़ दिया जाता है। यह गंदगी में रहने को मजबूर हैं। उनके रहने का जगह इतना गंदा होता है कि स्वस्थ आदमी भी बीमार पड़ जाए। उसे गंदे वातावरण में रहकर वह दूध का निर्माण करती हैं। जाहिर सी बात है उनके दूध में उसे गंदगी के अंश आने की संभावना है।
यह आपको भयंकर बीमारियों में डाल सकते हैं।
आजकल अत्यधिक दूध के सेवन करने वालों में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की समस्या देखने को मिली है। इसमें दरअसल होता है यह है कि जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है और उसे एंटीबायोटिक देने की जरूरत पड़ती है तो वह एंटीबायोटिक उसे व्यक्ति के काम नहीं करता है।
यह भी एक बहुत बड़ा साइड इफेक्ट है जो दूध के सेवन से हो रहा है।
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दूध का सेवन सिर्फ इसलिए बंद कर दिया क्योंकि बड़े स्तर पर दूध मशीनों से निकाला जाता है। इसमें मवेशी के दूध के साथ-साथ कभी-कभी खून भी निकल जाता है।
हम मनुष्य को यह हक किसने दिया कि किसी दूसरे को दर्द, पीड़ा देकर अपने खाने का इंतजाम करें।
Conclusion (हाई ब्लड प्रेशर में दूध पीना चाहिए या नहीं?)
दूध के अपने फायदे और नुकसान हैं| यह आपके लिए फायदेमंद है या नहीं इसकी जानकारी काफी आवश्यक है|
जैसा कि मैं पहले ही बताया यदि आप उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं तो दूध और दूध से बने पदार्थों के सेवन से परहेज करें|
दूध में मौजूद वसा में काफी अधिक कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है|जो धीरे-धीरे धमनियों को ब्लॉक करता है| ऐसे में रक्त का प्रवाह मंद पड़ जाता है और हृदय को ज्यादा शक्ति लगाकर रक्त को पंप करना पड़ता है| इसी कारण ब्लड प्रेशर बढ़ता है|
ऐसे में यदि आप लगातार दूध का सेवन करते हैं तो कोलेस्ट्रॉल काफी बढ़ जाएगा जिससे रक्तचाप अनियंत्रित हो जाएगी|
अतः आपको दूध और दूध से बने पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए| आगे क्लिक में हम लोग चर्चा करेंगे कि कैसे अपने कोलेस्ट्रॉल को काम कर सकते हैं और वह भी प्राकृतिक रूप से|
आज के लिए बस इतना ही धन्यवाद|