breastfeeding benefits for baby in Hindi-Breastfeeding new baby burn के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्राकृतिक पोषण स्रोत है।
यह केवल शिशु के शारीरिक विकास में ही नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ब्रेस्टफीडिंग मां और शिशु दोनों के लिए लाभकारी है आज के इस आर्टिकल में हम आप लोगों को ब्रेस्टफीडिंग के महत्व इसके फायदे और कुछ महत्वपूर्ण सुझाव के बारे में बताएंगे।
what is breastfeeding|स्तनपान क्या होता है?
ब्रेस्टफीडिंग न्यू बेबी बोर्न को मां के स्तन के दूध को पिलाने की प्रक्रिया को स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक और महत्वपूर्ण तरीका है जिसके माध्यम से शिशु को आवश्यक पोषक तत्व और रोग प्रतिरोधक तत्व मिलते हैं।(1)
स्तनपान को अंग्रेजी में ब्रेस्ट फीडिंग(breastfeeding) कहा जाता है| यह शिशु के शारीरिक मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
importance of breastfeeding |स्तनपान के महत्व
breastfeeding न केवल बच्चों के लिए बल्कि मां के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। नवजात शिशु के जन्म के बाद डॉक्टर के द्वारा पहले 6 महीने तक केवल ब्रेस्टफीडिंग या स्तनपान की सलाह दी जाती है।(2)
मां के दूध में बच्चों के लिए सभी पोषण व तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो की बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं।
Breastfeeding benefits for baby|नवजात शिशु के लिए स्तनपान के फायदे
1.For baby | शिशु के लिए
- संपूर्ण पोषण(all vitamins and minerals)-breastfeeding बच्चों को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
- बेबी का प्रतीक्षा प्रणाली को मजबूत करना-मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी बेबी को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। इसलिए मां का दूध बहुत ही महत्वपूर्ण है नवजात शिशु के लिए इसलिए 6 मंथ तक आप अपने बच्चों को मां का दूध जरूर पिलाएं।
- पाचन में सहायता-मां का दूध जो होता है आसानी से पच जाता है और शिशु को या बच्चे को किसी भी प्रकार का गैस कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याएं नहीं होती है|
- भावनात्मक विकास-जब शिशु ब्रेस्टफीडिंग करता है तो मां के साथ जुड़ाव महसूस होता है जिससे उसका भावनात्मक विकास होता है।
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Breastfeeding benefits for mother|मां के लिए स्तनपान के फायदे
- health benefits(स्वास्थ्य लाभ)-ब्रेस्टफीडिंग करने से मां का वजन बहुत जल्दी काम होता है और उसे ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है|यदि कोई महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं कराते हैं तो उनको इस तरह की बीमारियों की सामना करना पड़ सकता है।
- mental satisfaction(मानसिक संतोष)-ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे के बीच एक मजबूत भावनात्मक बंधन बनता है जो मां को mental satisfaction या मानसिक संतोष प्रदान करता है।
- घाव का जल्दी भरना-जब मां बच्चे को जन्म देती हैं तो उनके शरीर में कई प्रकार की घाव व दर्द बना रहता है लेकिन ब्रेस्टफीडिंग करने की वजह से यह दर्द या घाव जल्दी से भर जाते हैं और ठीक हो जाते हैं।
- हार्मोन का संतुलित होना-ब्रेस्टफीडिंग की वजह से मां के हार्मोन संतुलित रहते हैं जिसके कारण मां को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है साथ ही कील मुंहासे होने की संभावना कम बनी रहती है।
मां के दूध में कौन से प्रोटीन या तत्व पाए जाते हैं?
1. प्रोटीन:-यह बच्चे के शारीरिक विकास और मांसपेशियों के निर्माण के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
2. विटामिन:-विटामिन A ,c और D मां के दूध में पाए जाते हैं जो शिशु के रक्त और हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
3. Mineral (खनिज)– इसमें कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसी खनिज होते हैं, जो शिशु या बच्चों के शारीरिक विकास और रोग प्रतिरोधक प्रणाली के लिए आवश्यक होते हैं।
4.fat (फैट)-यह बच्चे के उच्च ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने में हेल्प करता है।
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5. Lactoferrin (लैक्टोफेरिन)-यह एक एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। जो बच्चे को संक्रमण से बचाता है।
6. एम्यूनोग्लोबिन-यह बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
Right ways to breastfeed| स्तनपान कराने के सही तरीके?
स्तनपान एक महत्वपूर्ण और प्राकृतिक प्रक्रिया है जो नवजात शिशु को पोषण और सुरक्षा प्रदान करती है।
सही तरीका से स्तनपान करने से शिशु और मां दोनों के लिए यह अनुभव सुखद और लाभकारी होता है। यहां हम आप लोगों को स्तनपान कराने के सही तरीके के बारे में पूरे विस्तार से बताने वाले हैं।
1. Sit in correct position | सही स्थिति में बैठना
- एक आरामदायक कुर्सि यां बिस्तर का चयन करें, जहां आप अपनी पीठ और बाहों को सहारा दे सके।
- आप ताकियो का उपयोग करें ताकि आपको आराम मिले और आप लंबे समय तक बिना थके आप अपने बच्चों को स्तनपान करा सके।
- आप अपनी पीठ को सीधा रखें और अपने पैरों को जमीन पर रखें यदि आपके पैर जमीन तक नहीं पहुंचते हैं तो एक फुट रेस्ट का उपयोग करें।
- शिशु को अपने करीब रखें ताकि आपको आगे झुकना ना पड़े।
स्तनपान कराते समय बच्चों को कैसे पकड़े?
शिशु को सही तरीके से पकड़ना –
- शिशु का सिर और शरीर सीधा होना चाहिए।
- शिशु का सर आपके स्तन के बराबर होना चाहिए और उसका चेहरा आपके स्तन की ओर हो।
शिशु को पकड़ने के अलग-अलग तकनीक है:-
- Cradle hold(क्रैडल होल्ड) इस तकनीक में शिशु के सिर को अपनी बांह के क्रीज में रखें और उसके पूरे शरीर को अपने बड़ों और बांह और हाथ से शहारा दें।
cross cradle Hold|(क्रॉस क्रैडल पकड़):-
स्तनपान कराने के लिए सही पकड़ और स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, जिससे शिशु को सही ढंग से दूध पिलाया जा सके और मां को आराम मिल सके।
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क्रॉस क्रैडल पकड़ एक बहुत ही उपयोगी और आम स्तनपान की स्थिति है, खासकर नवजात शिशु के लिए । यह पकड़ विशेष रूप से तब उपयोगी होती है जब मां को शिशु को स्तन पर सही से लगाने में मदद की आवश्यकता होती है|
क्रॉस क्रेडील पकड़ कैसे करें?
1. आरामदायक स्थिति में बैठे हैं: –सबसे पहले एक आरामदायक कुर्सी या बिस्तर पर बैठे हैं अपनी पीठ को सहारा देने के लिए तकिया का उपयोग कर सकते हैं|
2. शिशु को सही स्थिति में रखें।
- यदि आप दाएं स्तन से स्तनपान करा रही हैं, तो शिशु को अपने बाएं हाथ से पकड़े।
- शिशु का सिर आपके बाएं हाथ के कंधे के पास होना चाहिए और उसका शरीर आपके सामने होना चाहिए।
शिशु के सिर को सहारा दें।
- अपने बाएं हाथ से शिशु के सिर और गर्दन को सहारा दे सकते हैं।
- अपने अंगूठी और उंगलियों का उपयोग करके स्तन को सी (c )आकार में पकड़े ताकि निपल शिशु के मुंह के सामने हो।
बच्चे का मुंह सही ढंग से खोलें।
- शिशु के होंठ को निप्पल के साथ स्पर्श कराए ताकि वह अपने मुंह को बड़ा खोलें।
- जब शिशु का मुंह पूरा खुल जाए तो उसे तेजी से और सावधानी से स्तन पर लाए ताकि निप्पल उसके मुंह में सही ढंग से जाए।
स्तनपान की शुरुआत:
- सुनिश्चित करें कि शिशु का मुंह निप्पल और एरि ओला दोनों को ढक रहा है।
- शिशु को उसकी नाक और ठोड़ी दोनों से स्तन के संपर्क में लाएं ताकि वह ठीक से दूध पिए और सांस भी ले सके।
benefits of cross cradle hold|क्रॉस क्रेडल पकड़ के फायदे
1. सही लगाव(correct attachment)-यह पकड़ मां को शिशु के सीर और गर्दन को सही ढंग से नियंत्रित करने में मदद करती है जिससे शिशु को सही ढंग से स्तन पर लगाया जा सके।
2.आरामदायक: मां और शिशु दोनों के लिए आरामदायक होते हैं विशेष रूप से शुरुआती हफ्तों में।
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3. बेहतर नियंत्रण:-मां को शिशु के सिर और स्तन दोनों पर बेहतर नियंत्रण मिलता है, जिससे स्तनपान की प्रक्रिया सुगम बनती है।
क्रॉस क्रेडल पकड़ स्तनपान की एक प्रभावी स्थित है जो नवजात शिशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होती है। सही पकड़ और स्थिति से शिशु को सही पोषण मिलता है और मां को भी आरामदायक अनुभव होता है।
शुरुआती दौर में आपको थोड़ा प्रैक्टिस की आवश्यकता हो सकती है लेकिन धीरे-धीरे यह स्थिति आपके लिए स्वाभाविक और सहज बन जाएगी।
conclusion(निष्कर्ष)
मां के दूध में पाए जानेवाले विटामिन शिशु के समग्र विकास और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
ये विटामिन शिशु के शारीरिक, मानसिक और प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास में सहायक होते हैं। इसलिए मां का दूध शिशु के लिए सबसे पौष्टिक और सुरक्षित भोजन होता है खासकर उसके जीवन के पहले कुछ महीने में।
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Disclaimer:-इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य ज्ञान और शोध पर आधारित है। यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से प्रधान की गई है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या विशेष स्थिति के लिए हमेशा अपने डॉक्टर या चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श करें। यह आर्टिकल किसी भी चिकित्सा उपचार या सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी प्रकार का समस्या का जिमवार mastmom.com नहीं है। स्तनपान संबंधी किसी भी समस्या या संदेह के लिए कृपया अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
मां का दूध पीने से क्या फायदा होता है?
मां के दूध में आवश्यक पोषक तत्व, खनिज ,विटामिन, प्रोटीन, वसा एंटीबॉडी और ऐसे प्रतिरोधक कारक मौजूद होते हैं जो नवजात शिशु के संपूर्ण विकास और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है।
मां का दूध बच्चों कितने दिनों तक पिलाना चाहिए?
डॉक्टर के अनुसार बच्चों को कम से कम 6 मंथ तक दूध पिलाना चाहिए ।अधिक से अधिक आप अपने बच्चों के अनुसार उसे दूध पिला सकते हैं।
मां का दूध में कौन सा विटामिन होता है?
विटामिन A ,c और D मां के दूध में पाए जाते हैं जो शिशु के रक्त और हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
मां केदूध में सबसे ज्यादा क्या पाया जाता है?
मांके दूध में लेक्टोफार्मिंग नामक तत्व होता है, जो बच्चे की आंत में लौह त्व को बांध लेता है और लौह त्व के अभाव में शिशु की आं त में रोगाणु पनप नहीं पाते हैं